मैंने मन के कागज पे तेरा नाम
मैंने मन के कागज पे तेरा नाम
मैंने मन के कागज पे तेरा नाम लिख दिया,
मैंने मन के कागज,पे तेरा नाम लिख दिया,
मैंने अपना जीवन, तुझे समर्पित कर दिया,
तू अपने प्यार में रंग के, ले चल माहिया,
दो चुटकी सिंदूर भरके, अपना बना ले माहिया,
तू ख्वाब ख़्वाब सा मेरे, सपनों में बस जा,
ख्वाब में बस के, मुझे पूरी तरह पुलकित कर जा,
मेरे रोम रोम में बस के, मेरे सासो में तू बस जा ,
मैंने मन के कागज पे, तेरा नाम लिख दिया ,
अपना पूरा जीवन, तुझे समर्पित कर दिया,
तू सेहरा बांध के सर पे,घोड़ी चढ़ के आजा माहिया,
दुलहन अपनी बना के, ले जा माहिया
अब तेरे बिन ना लागे, मन मोरा माहिया,
चैन सुकून अब
खोया, जाने क्यूं माहिया,
तू मेरे दिन रातों में, ख्वाबों ख्यालों में बस जा ,
दिल के बंद दरवाजों पे, चोरी से दस्तक दे जा,
प्यार की मीठी मीठी लफ्जो में कुछ कह जा
तू मेरे हर यादो में, तू हर सुबह शामो में,
तू मेरे हर आदत में, तू मेरे दिन रातों में,
जाने क्यों तेरी गली, अपना लगे माहिया,
तुम बिन ये आंगन, जाने क्यूं काटे माहिया,
तू मेरे चूड़ी के खन खन में तू,
मेरे नाक के नथुनी में बस जा,
तू मेरे रोम रोम में बस जा, तू सासो में समां जा,
बाहों में भरके मुझको ,बाहों में समां जा
मैंने मन के कागज पे,तेरा नाम लिख दिया,
मैं तेरे प्यार में रंग के, खुद रंग में रंग लिया।