Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Atul Sharma

Classics

5.0  

Atul Sharma

Classics

मेरा गाँव

मेरा गाँव

1 min
1.3K


मेरे गाँव में कुछ दिन गुजार कर तो देखिए साहब 

यहाँ तुम्हें, तुम्हारे पिता के नाम से जाना जाएगा। 


मेरे गाँव की खेतों की हरियाली में

कुछ वक्त तो गुजारिये साहब। 

तुम्हें तुम्हारे वातानुकूलित कमरे से बेहतर

एहसास न मिले तो बात कीजियेगा। 


मेरे पिता जैसे किसानों के साथ

कुछ वक्त तो व्यतीत कीजिए। 

यह वक्त तुम्हें, तुम्हारी ज़िन्दगी के बेहतरीन पलों में से

सबसे बेहतर पल न हो तो बात कीजिएगा। 


कभी आओ मेरे गाँव में, 

मेरे माता-पिता के साथ आकर

कभी खेत की मेड पर बैठकर

भोजन तो कीजिए साहब। 


तुम्हें तुम्हारे डाइनिंग टेबल से ज्यादा सुखद

अनुभव ना मिले तो बात कीजिएगा। 

मेरे गाँव मे लोगों की महफिलों में

आकर तो देखो साहब, 

तुम्हे तुम्हारे क्लब वाले आनंद से ज्यादा

आनंद ना आए तो कहना। 


मेरे गाँव के घरों मे आकर तो देखो,

यहाँ तुम्हे श्रवण कुमार जैसे

माता-पिता कि सेवा करने वाले पुत्र मिलेंगे। 

न कि वृद्धाश्रम में अपने माता-पिता

छोड़ आने वाले पुत्र मिलेंगे। 


मेरे गाँव मे आपसी सामंजस्य वाले लोग मिलेंगे

न कि आग मे घी डालने वाले लोग मिलेंगे। 

मेरे गांव में कुछ दिन गुजार कर तो देखिए साहब

यहाँ तुम्हें सुखद आनंद न मिले तो बात कीजियेगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics