बच्चे
बच्चे
आँगन का सुना साज तरसे
आँगन बच्चे की आवाज को तरसे।
आँगन में न खिले फुल तो माली बेअसर
आँगन नन्हा-मुन्ना गुलाब को तरसे।
मायुस चेहरे पे खिला दे जो फुल
आँगन उस मासुम अंदाज को तरसे।
नाम रहे जिन्दा, अंजाम के बाद भी
आँगन नन्हे फरिस्ते, उस आगाज को तरसे।