जैसी भी सूरत
जैसी भी सूरत
आगाज की जैसी भी सूरत
अंजाम तो होगा खूबसूरत।
हर अंजाम की बुंलंदी को
खूबसूरत आगाज की जरूरत।
अंजाम का है वक्त मुकर्रर
आगाज की नही कोई मूहूर्त।
पाना हो अगर अंजाम खूबसूरत
तो आगााज की बड़ी जरूरत।
