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Rajeev Kumar

Abstract

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Rajeev Kumar

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पथ है अवरोध भरा

पथ है अवरोध भरा

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पथ है अवरोध भरा

जीवन है विरोध भरा

मन-मस्तिष्क है शोध भरा

सफलता की असीम चाह

भरे देता है उत्साह।


जीवन का है मूल

कर्त्तव्य पथ पे समूल

न्यौछावर सर्वस्व कुल

कर्त्तव्य की असीम चाह

भर देता है उत्साह।


स्वप्न परिणत यथार्थ

यथार्थ हो चरितार्थ

जीवन का हो कुछ अर्थ

ज्ग-कल्याण की असीम चाह

भर देता है उत्साह।


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