आज फिर सांसों ने कहा चलो फिर कुछ लिखा जाये। आज फिर सांसों ने कहा चलो फिर कुछ लिखा जाये।
निरंकुशता जब सिर छा जाता है ! प्रलय का संकेत नजर आता है ! निरंकुशता जब सिर छा जाता है ! प्रलय का संकेत नजर आता है !
शांति का साज़ अमर रहे इंकलाब अमर रहे ! शांति का साज़ अमर रहे इंकलाब अमर रहे !
बारह प्रतिद्वंद्वियों के बीच खेले जाने वाला, शुरू हो चुका महाकुंभ है। बारह प्रतिद्वंद्वियों के बीच खेले जाने वाला, शुरू हो चुका महाकुंभ है।
आपको कभी नहीं भूलेंगे न कल और आज आप रहेंगे कलाम सर, हमारे सर का ताज। आपको कभी नहीं भूलेंगे न कल और आज आप रहेंगे कलाम सर, हमारे सर का ताज।
बिन कहे सुन लिया दिल की वो राज बिन कहे सुन लिया दिल की वो राज