Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Atul Sharma

Tragedy

5.0  

Atul Sharma

Tragedy

मेरे सपने

मेरे सपने

1 min
590


सपने तो मैंने भी देखे थे कई लाख हज़ार, 

लेकिन फिर मैं बन गया बाज़ार।


सपने तो मेरे भी थे कुछ कर-गुजरने के, 

लेकिन मेरे सपने मेरे ही बाज़ार के खिलौने थे।


सपना था मेरा भी पढ़-लिखकर लक्ष्य को प्राप्त करने का। 

परंतु वह सपना, सपना ही रह गया, और मुझे बनना पड़ा बाज़ार। 


मेरे हालात ने मेरे सपनों को हासिल नहीं होने दिया।

और में रे सपनों ने आज भी मुझे काबिल बना दिया।


मेरे सपने कुछ इस तरह बहे पानी में , 

जैसे पानी टपकता है, गरीब की छत से बरसात के पानी में ।


मैं हमेशा सपनों के सहारे ही खुश रहने की कोशिश किया करता था। 

लेकिन मेरी मजबूरियाँ मेरे सपने को एक सपना रहने देती थी। 


मेरे सपनों को मैंने कुछ इस तरह बयाँ किया था, अपनों के सामने। 

लेकिन उन सपनों की बाजारों में एक बोली नहीं लगी उनके सामने।


सपने तो मैंने भी देखे थे कई लाख हज़ार, 

लेकिन फिर मैं बन गया बाज़ार।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy