मैं भी हक़दार हूँ
मैं भी हक़दार हूँ
हां, मैं भी हक़दार हूँ।
मुझे भी खुशी होती है
लोगों की तरक्की देखकर,
लेकिन मुझे दुख भी होता है
काबिलियत को अचयनित होने पर।
मेरे भी कुछ सपने हैं,
क्योंकि मेरी काबिलियत
ही मेरी अपनी है।
मुझे भी बड़ा होकर
माता-पिता का नाम
रौशन करना है।
परन्तु मुझे सबसे ज्यादा
परेशानी यह आरक्षण देता है।
मेरे भी अरमान होते हैं,
मेरे भी सपने महान होते हैं,
लेकिन इन सब के आगे
आरक्षण महान होता है।
क्योंकि हाँ मैं,
भी तो हक़दार हूं।
मुझे भी खुशी होती है
अच्छे अंक आने पर,
लेकिन मुझे दुख भी होता है
अधिक अंक लाने के बाद भी
पीछे छूट जाने पर।
मुझे भी खुशी मिलती है
नौकरी मिल जाने पर,
परन्तु मुझे दुख भी होता है
मुझसे कम अंक लाने वाले के
नीचे काम करने पर।
क्योंकि हाँ मैं भी तो हक़दार हूँ
मुझे पता है कि तुम भी गरीब हो,
लेकिन मुझे पता है
मेरे पिता तुमसे भी ज्यादा गरीब है।
मुझे पता है आपके पिता की
आर्थिक स्थिति कमजोर है।
लेकिन तुम्हें यह नहीं पता कि
मेरे पूरे परिवार की
आर्थिक स्थिति कमजोर है।
तुम्हें पता है आपको
सरकार सहायता करती है,
लेकिन हमें भी पता है,
यह वह (सरकार) सब
वोटों के लिए करती है।
मुझे पता है आपके होस्टल में
रहने का खर्च,
लेकिन तुम्हें नहीं पता मेरा,
परिस्थितियों में गांव से शहर रोज
पढ़ने के लिए आने जाने का खर्च।
क्योंकि साहब, मैं भी तो हक़दार हूँ।