जीवन के बाद
जीवन के बाद
कर लें हम आज ही
जो भी कुछ करना है
नहीं पता कल क्या होगा
सुख की बारिश होगी, या
दुखों का दरिया मिलेगा ।
क्यों करते हैं हम
नेक काम में देरी
क्यों आमादा हैं
बजाने रणभेरी
तोड़ दें नफरत की दीवारें
जोड़ दें तार दिलों के
किस गलतफहमी में
जी रहे हैं हम सब
कुछ भी नहीं रहेगा साथ
पुण्य के सिवा
जीवन के बाद।।
