Teacher & Writer
थी तो अजनबी लेकिन इतना अपनापन मेरे समझ से परे था।। थी तो अजनबी लेकिन इतना अपनापन मेरे समझ से परे था।।
सारे वेद पुराण उपनिषद और सैकड़ों कृतियाँ मुझ में ही तो समाहित है सारे वेद पुराण उपनिषद और सैकड़ों कृतियाँ मुझ में ही तो समाहित है
चरितार्थ किया अपने हुनर-होशियारी से ।। चरितार्थ किया अपने हुनर-होशियारी से ।।
हर ग्रन्थ और पुराण की कथा मैं कहूँ , बिगड़ गयी जो आज उसकी व्यथा कहूँ। हर ग्रन्थ और पुराण की कथा मैं कहूँ , बिगड़ गयी जो आज उसकी व्यथा कहूँ।
सभ्यता की चिता जलाती, कैसी है ये आजादी। सभ्यता की चिता जलाती, कैसी है ये आजादी।
नयन पटल बरसा रहे अब, अनवरत जल की धारा है। नयन पटल बरसा रहे अब, अनवरत जल की धारा है।
माँ ने खोए लाडले, बेटों ने निज तात। आजादी ऐसे मिली, सुन लो मेरे भ्रात।। माँ ने खोए लाडले, बेटों ने निज तात। आजादी ऐसे मिली, सुन लो मेरे भ्रात।।
इनकी वजह से आजाद हम, भारत माँ के जयकारे हैं।। इनकी वजह से आजाद हम, भारत माँ के जयकारे हैं।।
जलती शमाओं का बरसती बरखाओं का जलती शमाओं का बरसती बरखाओं का
विवाह एक रस्म है दो पवित्र आत्माओं के पावन बंधन की। विवाह एक रस्म है दो पवित्र आत्माओं के पावन बंधन की।