स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
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वर्ष सैकड़ों सही गुलामी,
घूँट गरल के पिये थे।
बन के शेर लड़े यहाँ पर,
सदा शान से जिये थे।
कतरा-कतरा खून बहाया,
मौत को गले लगाया था।
खोए हजारों पूत लाडले,
तब आजादी को पाया था ।
शहीद भगत,बोस,आजाद,
पूरे भारत को प्यारे हैं।
इनकी वजह से आजाद हम,
भारत माँ के जयकारे हैं।।
