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मानसिंह मातासर

Inspirational Others Children

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मानसिंह मातासर

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स्वतंत्रता (आजादी)

स्वतंत्रता (आजादी)

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पंछी हैं हम नील गगन के,

आजादी हमको प्यारी है।

रौनक हैं हम उस जहां की,

जिस पर दुनिया वारी है।


रंग-बिरंगा है रूप हमारा,

किस्मत हो गई काली है।

मन मारकर यहाँ बैठ गए,

चारों तरफ इक जाली है।


मनोरंजन होता है तुम्हारा,

दम घुटता यहाँ हमारा है।

नयन पटल बरसा रहे अब,

अनवरत जल की धारा है।


रात-रात नहीं रहती है कभी,

आखिर उजाला भी होता है।

फैलता है जब इस धरा पर,

अंधकार को पल में धोता है।


होगा उजाला 'मान' हमारा भी,

खुद को यह पूरा विश्वास है।

उड़ जाएंगे फिर पंख फैलाकर,

अपना यह सारा आकाश है।



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