STORYMIRROR

मानसिंह मातासर

Inspirational Others Children

4  

मानसिंह मातासर

Inspirational Others Children

स्वतंत्रता (आजादी)

स्वतंत्रता (आजादी)

1 min
316

पंछी हैं हम नील गगन के,

आजादी हमको प्यारी है।

रौनक हैं हम उस जहां की,

जिस पर दुनिया वारी है।


रंग-बिरंगा है रूप हमारा,

किस्मत हो गई काली है।

मन मारकर यहाँ बैठ गए,

चारों तरफ इक जाली है।


मनोरंजन होता है तुम्हारा,

दम घुटता यहाँ हमारा है।

नयन पटल बरसा रहे अब,

अनवरत जल की धारा है।


रात-रात नहीं रहती है कभी,

आखिर उजाला भी होता है।

फैलता है जब इस धरा पर,

अंधकार को पल में धोता है।


होगा उजाला 'मान' हमारा भी,

खुद को यह पूरा विश्वास है।

उड़ जाएंगे फिर पंख फैलाकर,

अपना यह सारा आकाश है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational