अजनबी
अजनबी
कई साल पहले
ट्रेन के सफर में
मिली एक नन्ही सी परी
शाम के भोजन का वक्त था
उसकी मम्मी उसे खिलाने लगी
मासूम मेरी ओर करके इशारा
बोली - मम्मा
अंकल भी खाएंगे न
टिफिन आगे करके बोली
अंकल जी ये लो
आप भी खाओ
इतना सुनते ही मेरा
हृदय द्रवित हो गया
आँखे सजल हो गयी
कितनी मासूमियत थी
उसके बोली में
थी तो अजनबी
लेकिन इतना अपनापन
मेरे समझ से परे था।।
