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प्रीति शर्मा "पूर्णिमा

Classics Inspirational

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प्रीति शर्मा "पूर्णिमा

Classics Inspirational

जीवन के बाद

जीवन के बाद

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जीवन के बाद

बचा ही क्या

दुनियां की निगाह में ?

 

अरे नादां मिटा ही क्या ?

जीवन जो जीआ

वो याद रहा बहुत से जहनों में...

किसी के मन में कुछ खट्टा मीठा

तो कोई कडवाहट लिये बैठा

कहीं छोड़ गया अमिट निशानियां

किसी की जुबां पर किस्से कहानियां...


जीवन के बाद

ही तो असली जीवन मिला।

अच्छा बुरा जो कुछ किया

स्मृति में सबकी बसा मिला।

यही तो है जीवन के बाद का सिला।।

जीवन के बाद

फिर से एक नये जीवन का

सिलसिला चला।। 


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