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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

डरावना डर

डरावना डर

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सबसे डरावना होता है,

असफलता का ही डर।

हिम्मत जो हारे तो हार है,

जीत हेतु धैर्य धारण कर।


असफलता के लिए जिम्मेदार,

होते हमारे नकारात्मक विचार।

साहस धैर्य नियोजन के सहित,

दृढ़ संकल्प जिता सकते संसार।

जीतिए विश्वास के संग सारे दिल,

प्रेम की डोर में बांधिए कस कर।


सबसे डरावना होता है,

असफलता का ही डर।

हिम्मत जो हारे तो हार है,

जीत हेतु धैर्य धारण कर।


जो हार गए दिल तब तो,

यह हार भी अति श्रेष्ठ है।

दिल हारने वाला यहां पर,

विजेता से भी तो ज्येष्ठ है।

दिल की हार का विजेता के,

दिल पर सकारात्मक है असर।


सबसे डरावना होता है,

असफलता का ही डर।

हिम्मत जो हारे तो हार है,

जीत हेतु धैर्य धारण कर।


शुभ कार्य में ही संलग्न हों,

जीत-हार सब को छोड़कर।

खो दीजिए भौतिक सुखों को,

और बांटिए प्यार दौड़-दौड़कर।

खिलाइए प्रसून प्यार के चमन में,

जो भावना बैर की हो जाए बेअसर।


सबसे डरावना होता है,

असफलता का ही डर।

हिम्मत जो हारे तो हार है,

जीत हेतु धैर्य धारण कर।


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