बारिश
बारिश
सारे थे बेहाल,
सूरज की तपिश से।
राहत हमने पायी,
आज झमाझम बारिश से।
बारिश अंदर, बारिश बाहर,
बारिश है सर्वत्र।
छतरी, रेनकोट सारे भीगे,
भीगे सारे वस्त्र।
कोई मीत संग भीगे बारिश,
कोई मज़ा ले घर पर।
चाय संग गरमा गर्म,
पकौड़ा खाये तलकर।
किसी के आँसू धोये बारिश,
किसी को ख़ूब हँसाये।
भीनी भीनी खुशबू से बारिश,
हमको खूब लुभाये।
खेतों को भी भाये बारिश,
नदियॉं भी भर जाये।
मोर को भी नचाये बारिश,
प्रीत खूब बरसायें।