गरीबी
गरीबी
गरीबी क्या है एक सापेक्षिक स्थिति।
जब धन दौलत के भंडार हों
सोने चांदी हीरे मोती के अंबार हों
नौकरों की फौज तैयार खड़ी हो
अपनों से अदावत तगड़ी हो
बात करने को कोई नहीं
आंखें कई रातों से सोई नहीं
दिल का हाल किसे सुनाएं
मन के घाव किसे दिखलाएं
सुख भरे दिन नहीं हैं
तो चैन वाली रात भी नहीं है
ऐसे में लगता है कि
उससे ज्यादा गरीब और कोई नहीं है।
जी तोड़ मेहनत कर
जब एक मजदूर रोटी खाने बैठा
पास में एक कुत्ता आकर बैठ गया
और चुपचाप बैठकर पूंछ हिलाता रहा
मजदूर ने अपनी रोटियां में से
एक रोटी कुत्ते को दे दी
दोनों प्रेम से खाने लगे।
उस मजदूर से ज्यादा अमीर कोई है ?
दिल अमीर होना चाहिए
बाकी तो सब कुछ आना जाना है
दौलत का क्या कोई स्थाई ठिकाना है ?
गरीबी कोई शोक करने का विषय नहीं
और अमीरी भी अहंकार का कारण न हो
परिश्रम पर अपने यकीं करो
और इंसानियत से कभी दूर न हो।
