रंगे अमन
रंगे अमन
नई दुनिया बसाना चाह्ता हुँ
तेरे नज़दीक आना चाह्ता हूँ अमन के वास्ते मैं ये
परिन्दा उड़ाना चाह्ता हूँ कोई भी गैर होकर
नहीं होता मुकम्मल मैं गैरों से अपना
रिश्ता निभाना चाह्ता हूँ सुना है इस जहाँ में
सभी तो एक जैसे हैं मैं इस एकपन को
हकीकते अमल पाना चाह्ता हुँकभी सोचा न होगा
मगर अब आरजू है मैं इस आरजू ये दिल
को बताना चाह्ता हुँ कोई हैरान होगा
कोई गुस्सा भी होगा कोई बिछुड़ेगा मुझसे
कोई नाराज होगा अमन के वास्ते मैं ये
परिन्दा उड़ाना चाह्ता हूँ नई दुनिया बसाना चाह्ता हूँ
तेरे नज़दीक आना चाह्ता हूँ।