STORYMIRROR

Sneha Kale

Classics Inspirational

4  

Sneha Kale

Classics Inspirational

बेटिया

बेटिया

1 min
224


जिस घरमे बेटियों की इज्जत ना हो

वहा बेटिया कभी जन्म नही लेती

उस घर मे आनेवाली बेटिया भी

उन लोगोंकी इज्जत नही करती


दुनिया में हर किसीको

बेटीका सुख नही मिलता

उनके नखरे उठाना 

हर किसीके बसका काम नही होता


बहुत खुश होगा भगवान

जब उसने बेटीयोंको बनाया होगा

चारों ओर खुशियां बिखेरने के लिये

उनको धरती पर भेजा होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics