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Hemant Kumar Saxena

Classics

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Hemant Kumar Saxena

Classics

फटी जेब

फटी जेब

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ज़िन्दगी इस तरह, मेरी पामाल है,

मेरी हर चाल पर, उसकी इक चाल है।


लुट गया चैन है, नींद आती नहीं ,

इश्क़ ये बन गया, जी का जंजाल है।


इक तो तोड़ा है दिल, उसपे ये भी सितम,

पूछता है मुझे, और क्या हाल है।


पास आकर मेरे, छोड़ जाना मुझे,

क्या मुहब्बत में अच्छा ये आमाल है।


लड़खडातीं जुबाँ, तन बहकता हुआ,

आज बिखरी हुई, क्यूँ तेरी ताल है।


मौत ने बख़्श "कमल" दिया इसलिये,

माँ मेरी सामने, मौत की ढाल है।



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