पंछी उड़ गए
पंछी उड़ गए


पंछी की फितरत थी उड़ना,
सो वो उड़ गए।
सीख हमें सिखलाने को,
पिंजरा छोड़ गए।
पर दिए ईश्वर ने हमको,
तुमने बंद किये।
खुद आज़ाद घूम रहे थे,
हमको कैद किये।
अब कहो कैसा लगता है,
घर में बंद हो कर ?
अपनों से भी दूर रहकर,
क्वारंटीन हो कर।
हमारी पीड़ा तुम्हे समझाने,
यह वायरस आया है।
सब प्राणी को ईश्वर ने बनाया,
यह पैग़ाम लाया है।
पंछी की फितरत थी उड़ना,
सो वो उड़ गए।
सीख हमें सिखलाने को,
पिंजरा छोड़ गए।