Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kusum Lakhera

Classics Inspirational

4.5  

Kusum Lakhera

Classics Inspirational

पिता

पिता

1 min
255


माँ ममत्व की छाया है तो पिता बरगद का साया

परिवार की सभी जिम्मदारियों का बोझ

सदैव अपने कन्धों पर उठाया

अनुशासन की बागडोर से संतान को

जीना सिखाया आत्मबल आत्मविश्वास का 

मूलमंत्र आत्मसात कर संतति को 


प्रतिक्षण यथार्थ के सम्मुख दृढ़ विश्वास

के साथ जीवन से संघर्ष करने का गुर भी बताया !

बताया कि जीवन में सदैव कर्मयोद्धा की,

तरह जीवन में कर्तव्य निभाओ

न करो फल की चिंता कर्मयोगी बन जाओ !

न करो व्यर्थ की चिंता न भूत का ख्याल लाओ !


मेरे पुत्र पुत्री सदैव वर्तमान को गले लगाओ

और अपने कर्तव्यों से कदापि जी न चुराना!

माँ का सदैव सम्मान करना और स्वपन में

भी कहीं माँ के लिए कोई अपशब्द न मुख में लाना !


सच पिता तुम भीतर से कितने कोमल हो

पर बाहर से तुमने स्वयं को कठोर सा दिखाया 

तुमने सदैव हम सब बच्चो को

अपने सद्चरित से

जीवन का महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाया !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics