मेरा कांच का महल था यारों
मेरा कांच का महल था यारों
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नाजुक से दिल को तोड़ दिया,
मन भर गया तो मुँह मोड़ लिया,
इस पत्थर की दुनिया में,
मेरा कांच का महल था यारों !
बेवफा ने सितम, बहुत मुझ पे ढाये,
अपना कहने वाले, सब हो गए पराये,
हमने तो निभाई सिर्फ वफ़ाएँ,
बदले में मिली हमको जफ़ाएँ !
कसमें, वादे सब तोड़ दिए,
दोस्त कहते थे औऱ एक छोटी सी
गलती पे छोड़ दिए।
हमने तन्हाइयों को गले लगा लिया,
किसी ने जिंदगी छीनकर जीना सीखा दिया,
फिर से मेरा घर जला दिया यारों,
इस पत्थर की दुनिया में,
मेरा कांच का महल था यारों !