अपने लक्ष्य को पाना है
अपने लक्ष्य को पाना है
अक्सर सुखों की खोज में हम,
भटकते यहां वहां रहते है।
मगर खुशियाँ तो अपने अंदर,
स्वयं के मन में ही बसते है।
उन्हीं को तो अपने हृदय में ,
खोजना है अपने अंतस में।
जब तुम ही खोज पाओगे,
तब सुखी स्वयं हो जाओंगे।।
जो शांति और साधना को,
जीवन में इसको अपनाते है।
वो कर्मो के सारे फलो को,
स्वयं ही खुद काट लेते हैँ।।
सफलता की अगली सीढ़ी पर,
निरंतर चढ़ते चले जाते हैं।
जीवन की उत्तम ऊँचाईयों पर,
एक दिन अवश्य पहुँच जाते हैं।।
जो अपना लक्ष्य समाने रखते हैं,
कदम उसी तरफ आगे चलते हैं।
अपने जीवन के तय लक्ष्य को ,
निश्चित ही हासिल करते हैं।।
भले ही इसके लिए उनको,
काँटों पर ही क्यों न चलना पड़े।
मगर अपनी प्रगति की खातिर वो,
सारे दुख कष्ट भी झेल लेते हैं।।
