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shaanvi shanu

Inspirational

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shaanvi shanu

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ये जीवन एक रैन बसेरा

ये जीवन एक रैन बसेरा

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देखो मिटा अंधेरा आया नूतन सवेरा !

सैया छोड़ उठ,ये जीवन एक रेन बसेरा !!


मंदिरों की सुमधुर बज उठी घंटी ,

आवाज-ए-आजान समाँ बहुतेरा !!


भज़न-कीर्तन कर सदकर्म कमा पुण्य,

ये अपना जीवन जोगी वाला डेरा !!


गुम गया तु जो अंधकार में दोबारा,

तो शायद फिर कभी न होगा सवेरा !!


कयों उलझ रहा तु व्यर्थ स्वार्थ में ,

अब काहे करे क्या मेरा-मेरा !!


सोच,क्या लाया था संग अपने तु ,

और क्या होगा ले जाना तेरा !!


जो है न आज तेरा वो न कल तेरा,

यहाँ चिडियों का सिमित बसेरा !!


भले कर्म कर सदा फिर नहीं मिलेगा,

यह दुर्लभ मानस जन्म का फेरा !!



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