जटिल पुरातन या हो नूतन, तजना कुरीति कोई पाप नहीं। उठो युवा तुम बदलो सितारे, किस्मत बदलती आप नहीं। जटिल पुरातन या हो नूतन, तजना कुरीति कोई पाप नहीं। उठो युवा तुम बदलो सितारे, क...
जो तुमसे ये सब मैंने पाया, तो कुछ नूतन कर पाऊँगी जो तुमसे ये सब मैंने पाया, तो कुछ नूतन कर पाऊँगी
पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से तर हुईं बहती पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से ...
आस की बूंदें मचलकर धरा पर जब पड़ी मचल उठा मन का मयूरा अवनी भी खिल पड़ी। आस की बूंदें मचलकर धरा पर जब पड़ी मचल उठा मन का मयूरा अवनी भी खिल पड़ी।
धरा अड़िग है आस लगाए प्यासे समंदर में नव रंग घोल ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल धरा अड़िग है आस लगाए प्यासे समंदर में नव रंग घोल ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल
प्रकृति का अभिशाप है ये लगता मनुज का पाप है ये। प्रकृति का अभिशाप है ये लगता मनुज का पाप है ये।