पूर्ण कर अरमान
पूर्ण कर अरमान
पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया।
जाग रे इंसान, नूतन साल आया।
ख़ुशबुओं से तर हुईं बहती हवाएँ,
थम गए तूफान, नूतन साल आया।
गत भुलाकर खोल दे आगत के द्वारे,
छेड़ दे जय गान, नूतन साल आया।
कर विसर्जित अस्थियाँ गम के क्षणों की,
बाँटकर मुस्कान, नूतन साल आया।
मन ये तेरा अब किसी भी लोभ मद से,
हो न पाए म्लान, नूतन साल आया।
रब रहा है पूछ तेरी, क्या रज़ा है,
माँग ले वरदान, नूतन साल आया।
आसमाँ आतुर तुझे हिय से लगाने,
चढ़ नए सोपान, नूतन साल आया।
यत्न कर प्राणी, कि मानवता ही तेरी,
खो न दे पहचान, नूतन साल आया।