Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

कल्पना रामानी

Others

5.0  

कल्पना रामानी

Others

श्री गणेश हो शुभ कर्मों का

श्री गणेश हो शुभ कर्मों का

1 min
373


श्री गणेश हो शुभ कर्मों का

नए वर्ष का हुआ प्रवेश।


काल चक्र कब कहाँ रुका है

गतिमय दिन औ रात

भूल पुराना बढ़ते जाएँ

नए समय के साथ।


बातें सारी खो जाती हैं

रह जाती हैं यादें शेष


कटुताओं के पृष्ठ फाड़कर

फिर से लिखें किताब।

शब्द शब्द में नवजीवन हो

मानवता की आब


सत्कर्मों की जुड़े श्रंखलाबन

जाए यह साल विशेष।


दृढ़ताओं के बल से तोड़ें

दकियानूस रिवाज

क्षमताओं से नवनिर्मित हो

उन्नत एक समाज।


सुलझा लें उलझे धागों को

गाँठें रह जाएँ ना शेष।



Rate this content
Log in