मां का लाड़
मां का लाड़
सौ अठखेलियां खेंली होगी
जब मां ने मेरी नजर उतारी होगी
मेरी लाड़ो,मेरी गुड़िया पुकार कर
उसके आंचल की जान हूं यह बहुत
सारे दुलार प्यार से जताई होगी,
तू पढ़ लिख कर कलेक्टरनी या
डॉक्टरनी बनेगी,यह आस मन ही मन
संजोई होगी ,अपने सारे अरमान सोई
हुई मुझ नन्ही जान में जगाई होगी,
छोटी सी,दुलारी प्यारी बेटी को मेरी,
सपनों का राजकुमार घोड़े पर बैठ
आएगा और ब्याह कर ले जाएगा
मैं उसके लिए लहंगा,चुनरी,चूड़ी,
पायल,नथ,टीका,मेंहदी,बिंदी,साड़ी
सब लाऊंगी उसे इस दुनिया की सबसे
प्यारी दुल्हन बनाऊंगी उसकी बलैंया लूंगी,
नन्हीं मैं कुनमुनाई तो मानो ख्यालों से
मां बाहर आई होगी,फिर छोटी चिरैया
के माथे पर नजर का टीका लगाई होगी,
मां ने नींद से जागी अपनी परी को हर
तरह से दुलराई होगी।
