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VIJAY LAXMI

Inspirational

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VIJAY LAXMI

Inspirational

दर्द से कवि का आगमन

दर्द से कवि का आगमन

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सुना है हमने जमाने से

जल रुदन भरा हो दिल में तो

शब्द बन कागज पर उतर जाता है

तो कवि बन जाता है।।


जीवन कहां, प्यासे अरमान कहां

तुम कहां और मैं कहां ?

ये सोचते हुए सफर कट जाता है

तो कवि बन जाता है।।


कठिन है जीवन की परीक्षा 

प्रेम-पथ की शरण में है सब

रात का अंधियारा उजाले में बदल जाता है

तो कवि बन जाता है।।


जब प्रेम से भरी हुई पाती

दिल में प्रेम की हुक जगाती है

आंखों में नीर भर आता है

तो कवि बन जाता है।।


सोचती हूं सजर राह पर चलते-चलते

वेदना से दूर होकर जी तो लूं मैं

दुनिया की नजरों में कांटा बन चुभ जाती हूं

तो कवि बन जाता है।।


दिल का दर्द कलम से

कागज पर उतार जाती हूं

जीवन सफर में सच्चा दोस्त

कागज,कलम, स्याही में ही पाती हूं

तो कवि बन जाता है।।


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