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VIJAY LAXMI

Inspirational

4  

VIJAY LAXMI

Inspirational

जीवन और संघर्ष

जीवन और संघर्ष

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जब इंसान पैदा होता है,

जीवन में संघर्ष का पड़ाव शुरू होता है,

अनबोल बच्चा दूध के लिए रोता है,

यही से संघर्ष का दौर शुरू होता है।।


बड़ा होने पर संघर्षों का रुप बदल जाता है,

इंसान चुनौतियों का सामना करता है, 

जीवन की नैया पार कर जाता है,

जीत की खुशी में फूला नहीं समाता है।।


संघर्ष के साथ ने व्यक्तित्व का निर्माण होता है,

तब कहीं जाकर समाज में स्थान मिलता है,

मां-बाप का मन हर्षित हो जाता है,

संघर्षों के साथ बेटा-बेटी आफिसर बन जाता है


संघर्षों के साथ जो कर्तव्यों का निर्वहन करता है,

जीवन रस के साथ इंसान का जीवन सार्थक हो जाता है

विजयलक्ष्मी है कहती ए-इंसान संघर्षों से क्यों घबराता है,

अंत में संघर्ष करते हुए ही इंसान भगवान के चरणों में जगह पाता हैं।।



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