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Raashi Shah

Inspirational

2.5  

Raashi Shah

Inspirational

ऐ परिंदे सुन ले!

ऐ परिंदे सुन ले!

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ऐ परिंदे सुन ले!

नहीं है तू अकेला,

हम सब है तेरे साथ​,

तू चाहे तो बस में कर ले,

ये पूरी कायनात​।

जो करना चाहे कर लेना,

गलतियाँ करने का न हो डर​,

उस खुले आसमान में

उड़ना है तुझे,

फैला ले तू अपने पर​।


मंज़िल तक पहुँचने का

रास्ता है कठिन​,

क​ई मुश्किलों का

सामना करना पड़ेगा

लेकिन मैं आश्वस्त हूँ,

तू मैदान ‍छोड़कर

कभी नहीं भागेगा।


लक्ष्य तक तू भले ही न पहुँचे,

कोशिश करना छोड़ना नहीं,

तीर निशाने पर न लगे,

तो आसपास ही सही।

जीवन में कोई मकसद हो,

तभी उस तक पहुँच पाएगा तू,

जब कभी तू गिरेगा,

तब ही ऊपर उठ पाएगा तू।


कभी-कभी आगे बढ़ने के लिए,

दो कदम पीछे भी बढ़ाने पड़

सकते हैं,

जीवन में वही सफल होते हैं,

जो अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं।


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