ऐ परिंदे सुन ले!
ऐ परिंदे सुन ले!
ऐ परिंदे सुन ले!
नहीं है तू अकेला,
हम सब है तेरे साथ,
तू चाहे तो बस में कर ले,
ये पूरी कायनात।
जो करना चाहे कर लेना,
गलतियाँ करने का न हो डर,
उस खुले आसमान में
उड़ना है तुझे,
फैला ले तू अपने पर।
मंज़िल तक पहुँचने का
रास्ता है कठिन,
कई मुश्किलों का
सामना करना पड़ेगा
लेकिन मैं आश्वस्त हूँ,
तू मैदान छोड़कर
कभी नहीं भागेगा।
लक्ष्य तक तू भले ही न पहुँचे,
कोशिश करना छोड़ना नहीं,
तीर निशाने पर न लगे,
तो आसपास ही सही।
जीवन में कोई मकसद हो,
तभी उस तक पहुँच पाएगा तू,
जब कभी तू गिरेगा,
तब ही ऊपर उठ पाएगा तू।
कभी-कभी आगे बढ़ने के लिए,
दो कदम पीछे भी बढ़ाने पड़
सकते हैं,
जीवन में वही सफल होते हैं,
जो अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं।