AKANKSHA SHRIVASTAVA
Inspirational
दरख़्तों पे दरार ही काफी है
टूट जाने के लिए,
कटना ही जरुरी नहीं है।
दरख्तों पे दरार जरुरी है
डाली को फूलों से
भर जाने के लिए।
दर्द का ज़ख़्म जरुरी है,
खुशियों का मरहम पाने के लिए
दरार तो जरुरी है,
नसीब में बहार को लेने के लिए।
सम्मान
सफर
इन अंधेरो में...
आँगन के गुलाब...
दरख़्त
दर्द के पहलु ...
जुबान
आसमान या ज़मीन...
भूख-पराए देश ...
गिर के उठना ,...
मीरा केशव जायसी, हिंदी की जागीर। देखी न्यारी गायकी, गुरु रैदास कबीर। मीरा केशव जायसी, हिंदी की जागीर। देखी न्यारी गायकी, गुरु रैदास कबीर।
हर फूल उजड़ी है अपनी डाली से दोष केवल हाथों का नहीं। हर फूल उजड़ी है अपनी डाली से दोष केवल हाथों का नहीं।
मेरे किरदार को समझना आसान नहीं, क्योंकि हरदम सच के साथ चला हूं मैं। मेरे किरदार को समझना आसान नहीं, क्योंकि हरदम सच के साथ चला हूं मैं।
सच आज हिंदी दिवस मनाते हैं सभी रचनाकारों को हम जगाते हैं। सच आज हिंदी दिवस मनाते हैं सभी रचनाकारों को हम जगाते हैं।
गुड़याणी का लाल, कदे ना आया काबू। न्यारे लिखगे लेख, बालमुकुंद जी बाबू।। गुड़याणी का लाल, कदे ना आया काबू। न्यारे लिखगे लेख, बालमुकुंद जी बाबू।।
परंतु जिसका भाई ना हो उसकी बहनें ही उसकी भाई होती हैं। परंतु जिसका भाई ना हो उसकी बहनें ही उसकी भाई होती हैं।
जिंदगी है तो उलझने तो रहने ही वाली है। दिल बेचारा इन उलझन के कारण दुश्चिंता का मारा। जिंदगी है तो उलझने तो रहने ही वाली है। दिल बेचारा इन उलझन के कारण दुश्चिंता ...
कुछ अपनी हूँ तो किसी के लिए ख़ास हूँ हाँ मैं हिंदी भाषा हूँ जो तेरा अहसास हूँ। कुछ अपनी हूँ तो किसी के लिए ख़ास हूँ हाँ मैं हिंदी भाषा हूँ जो तेरा अहसास हूँ...
हिन्दी प्यारी भाषा अपनी, हर दिल पर ये छा जाती। हिन्दी प्यारी भाषा अपनी, हर दिल पर ये छा जाती।
नसीब से प्यार जता के जिओ I अपनी धड़कन से दिल से दिल मिला के चलो नसीब से प्यार जता के जिओ I अपनी धड़कन से दिल से दिल मिला के चलो
सबसे बड़ा गुनाह होता है गुनाह न कुबूल करना। सबसे बड़ा गुनाह होता है गुनाह न कुबूल करना।
आओ हम सब ये प्रण करें, पढ़ें और पढ़ाएं हिंदी। आओ हम सब ये प्रण करें, पढ़ें और पढ़ाएं हिंदी।
हम सब हिंदी दिवस की औपचारिकता तो यूं ही निभाते रहेंगे। हम सब हिंदी दिवस की औपचारिकता तो यूं ही निभाते रहेंगे।
मैं अच्छे के लिए गलती करने से डरती नहीं कुछ करके गलती करना कोई गलती नहीं। मैं अच्छे के लिए गलती करने से डरती नहीं कुछ करके गलती करना कोई गलती नहीं।
बस तुझे उठाने में ही कर दूँ समय बर्बाद! बस तुझे उठाने में ही कर दूँ समय बर्बाद!
हिंदी के माथे पर बिंदी देखो कैसी सुहाए। हिंदी के माथे पर बिंदी देखो कैसी सुहाए।
एक उत्सव इतना भव्य, हिंदी के प्रति हमारा प्रेम सदैव बना रहेगा। एक उत्सव इतना भव्य, हिंदी के प्रति हमारा प्रेम सदैव बना रहेगा।
संसार में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना लाइए। संसार में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना लाइए।
शायद वो खुश होगा मेरे इस हाल पर। शायद वो खुश होगा मेरे इस हाल पर।
जीवन भर के नासूर को टीसता देखने के लिए। जीवन भर के नासूर को टीसता देखने के लिए।