दर्द के पहलु से
दर्द के पहलु से
मेरी भटकती रूह को आराम मिल जाए
काश हमपे भी दिल तोड़ने का इलज़ाम लग जाए।
हर वक़्त टूटे दिल के साथ रहते हैं
'ज़ुल्मी' हो तुम, हम पे भी ये इलज़ाम लग जाए।
जस्बा और जस्बात का अंतर समझ आ जाए
ज़िन्दगी में एक बार किसी के बर्बादी का इलज़ाम लग जाए।
ठोकर तो बहुत खाई है दुनिया की हमने
ठोकर देने वाले की दुनिया का भी नुक़्ता-इ-नज़र आम हो जाए।
काश हम पे भी दिल तोड़ने का इल्ज़ाम लग जाए।
