हम तुम
हम तुम
जब कुछ भी ठीक ना हो रहा हो,
जब गीत अपनी धुन खो रहा हो,
जब दुनिया बदरंग होती जा रही हो,
जब हर तरफ दुखों का पारावार हो,
तब भी, मेरी रानी
यूँ ही खड़े रहेंगे हम साथ,
कंधे से कंधा मिलाये।
जब फूल अपनी खुशबू खोने लगें,
जब मयूर अपना नृत्य भूलने लगें,
मेघाच्छादित हो जाये जब आकाश,
दर्द और तनाव का हो काला साम्राज्य,
तब भी, मेरी रानी
यूँ ही खड़े रहेंगे हम साथ,
डाले हाथों में हाथ।
यूँ ही साथ चलते चलते
हमारे अपने बनाये रस्ते पर,
जा पहुंचेंगे हम
गंतव्य तक,
अपने ख़्वाबों की
उस दुनिया में जहाँ
होंगे हम और तुम
और होगा प्यार का साम्राज्य।
यूँ ही चलते रहेंगे साथ हम
अंतिम सांस तक।