ऐ दोस्त
ऐ दोस्त
यादों की किताब के पन्ने पलटना
बच गया अब यही एक काम,
बस इतना ही तो छोड़ गए हो तुम
सिर्फ यादें तुम्हारी ।
तुम्हारी तस्वीरें देखना आज शगल है हमारी
ला देती हैं मुस्कान हमारे आनन पर,
तुम्हें देखना, तुम्हें याद करना
बना जाता है हमारे जीवन को सार्थक ।
उनींदे आँखों ने देखा सपना,
काश तुम हमेशा यहीं होते
जुदा न होते हम कभी
सदा यूँ ही साथ होते ।
स्वीकारना होगा बोझिल मन से हमें
कि तुम कहीं नहीं अब
कि तुम कूच कर चुके हो हमारी दुनिया से
किन्तु एक ठिकाना है
हमारे दिल की गहराइयाँ
ज़िंदा रहोगे तुम जहाँ अनंतकाल तक ।