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Anjali Thakor

Romance

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Anjali Thakor

Romance

तुम और मैं

तुम और मैं

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तुम चाय जैसे मीठे,

मैं कॉफ़ी की तरह कड़वी

तुम चाँद जैसे कभी-कभी दिखते,

मैं सूरज जैसी रोज़ चमकती।


तुम राज़ का पिटारा,

मैं खुली किताब जैसी

तुम बारिश की बूँदो से ठंडे,

मैं आग जैसी गरम।


तुम प्यारी सी सुबह जैसे,

मैं ढलती शाम की तरह

तुम पत्थर से सख्त,

मैं फूलो जैसी कोमल।


तुम समुन्दर से विशाल,

मैं नदी जैसी तेज़।


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