प्यार मोहब्बत इश्क़ वह है
प्यार मोहब्बत इश्क़ वह है
प्यार मोहब्बत इश्क़ वह है जब दिल किसी पे मरता है
पर इज़हार कर करने से डरता है
जब किसी की हर बात अच्छी लगने लगती है
दिल में महबूब महबूबा की तस्वीर सजने लगती है।
जब उसके बिना एक पल भी हम रह नहीं पाए
उसकी याद हर पल सताये
जब उसके बिना कोई और अच्छा नहीं लगता
जब हम किसी और के साथ नहीं देख पाए।
उसकी याद हर पल तड़पाए
बिना उसके न नींद आये न चैन आये
जब उसका ख़्याल दिल में बार बार आये
जब दुनिया में वह सबसे प्यारा लगने लगे।
तब इश्क़ होता है
मोहब्बत प्यार हो जाता है
जब उसके साथ वक़्त बिताना अच्छा लगता है
जब उसे खोने का डर हमेशा होता है।