दिल में इश्क का तूफान रहने दे
दिल में इश्क का तूफान रहने दे
न ज्यादा की चाहत है न कम का इरादा है
मैं किसी को क्या कहूँ भला मुझको तो
तेरी मोहब्बत ने मारा है।
न उम्मीदी में भी एक उम्मीद कायम है
वो बात अलग है कि तू मिले या न मिले
पर दिल मे तेरे लिए आज भी
जज्बात कायम है।
बरसों गुजर गए याद मे तेरी
लगता था कि कल की बात थी
परसों जो देखी झलक तेरी तो लगा
जिंदगी की बस यही आखिरी
फरियाद थी।
इस जहाँ में हर किसी की मोहब्बत
भला कहाँ मुकम्मल होती है
गल्ली चौराहे शहर में तेरा नाम ले लेकर
तुझे रुसवा जो कर दूँ तो क्या भला
ऐसे मोहब्बत होती है।
अंजान को अभी अंजान रहने दे
इश्क को परदे में मेरी जान रहने दे
शमा जलती है तो जल जाए परवाने के लिए
अंजान के दिल में इश्क का
तूफान रहने दे।