एक तरफा इश्क
एक तरफा इश्क
एक तरफ़ा इश्क़ भी कमाल है
दूसरे को कोई ख़बर नहीं
एक का दिल बे-हाल है
ख्वाबों में भी उसका दीदार है
न चाहें महबूब वो मेरा हमदम
फिर भी मुलाकातें बेमिसाल है
एक तरफ़ा इश्क़ भी कमाल है
किस हद तक गुज़र जाता है
दिल में छुपाये राज़ निकल जाता है
यूँ ही तो नही एक तरफ़ा इश्क़ खूबसूरत है
ये दो जिस्म एक जान की मिसाल है
एक तरफ़ा इश्क़ भी कमाल है
हर वक़्त ख़्याल उसका ही रहे
बस जब पूछे सवाल कोई
तो दिल मे नाम होंठो पर मुस्कान रहे
रूबरू मुलाकात का क्या करना
जब ख्वाबों में ही मुलाकात मुकम्मल है
एक तरफा इश्क़ भी कमाल है।