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Supriya shanu

Inspirational

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Supriya shanu

Inspirational

मेरी माँ बेमिसाल है

मेरी माँ बेमिसाल है

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माँ के लिए क्या मिसाल दूँ

वो पूरे जहाँ में बेमिसाल है


मेरी माँ हौसलों की उड़ान है

हम सबके लिए वरदान है


जो समझ न पाए तेरी माया

ममता से बिछुड़कर खूब रोया


हाँ थोड़ा शख़्त मिज़ाज ज़रूर है

मेरी माँ को सबकी फ़िक्र भरपूर है


थोड़ी देर जो हो जाये घर आने में

फिक्र से होंठ थरथराते कानो में


थोड़ा ज़ोर से आती एक आवाज़

जल्दी बताओ कैसे हो गई देर आज


माँ दिखाती नही कभी किसी को दुलार

मन ही मन ढेर सारा करती सबसे प्यार


माँ के लिए क्या मिसाल दूँ

वो पूरे जहाँ में बेमिसाल है।


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