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Govind Narayan Sharma

Romance

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Govind Narayan Sharma

Romance

मौत के सौदागर

मौत के सौदागर

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खुली रख तेरी इन झील सी गहरी आंखों को, 

तेरी रूह में उतरने को रास्ते की गुजारिश हैं !


समझे थे तेरे दीदार से दिल को शुकूँ मिलेगा,

ये न जाना की ये और भी बेकरार हो जाएगा


मेरा कत्ल ही सही तेरी इन कातिल निगाहों से,

बेवजह खून का इल्जाम तेरे सर नही आएगा !


मेरी चुपी को लोग यूँ ही गरूर समझ लेते हैं,

हर किसी को दिल के गहरे राज क्यों बताये !


मैं खुशनसीब हूँ की इतने लोग मेरे दुश्मन हैं, 

बेवजह दिन में सौ मर्तबा याद तो करते हैं!


दुनियां भर की रुसवाईयाँ हैं मेरी झोली में,

इतने ख़ंजर मौत के सौदागर भी नही रखते !


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