STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

जरुरत नहीं

जरुरत नहीं

1 min
7


जब तक तू मेरे साथ है,

मुझे दुनिया की खुशियों की जरुरत नहीं,

तेरे इश्क की शीतल छाँव है,

मुझे सावन की घटा की जरुरत नहीं।


जब तू मेरे दिल में रहेता है,

मुझे ईश्क के इम्तिहान की जरुरत नहीं,

तेरी धड़कन का ताल मिला है,

अब तुझसे दूर रहेने की जरुरत नहीं।


जब तक तेरे इश्क का राग है,

मुझे तेरे विरह से डरने की जरुरत नहीं,

तेरी सांसो की सरगमbमें डूबी हूं,

मुझे मायूस रहेने की जरुरत नहीं।


जब तक मेरे तन में प्राण है,

मुझे तेरा साथ छोडने की जरुरत नहीं,

तूं तो मेरे नैनों के आयनें में है "मुरली",

तुझे कहीं भी ढुंढने की जरुरत नहीं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance