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S Ram Verma

Romance

3  

S Ram Verma

Romance

दर्द की गिरहें !

दर्द की गिरहें !

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क्यों डरती हो 

तुम प्यार से

ये भी भला कोई 

डरने की चीज़ है

प्यार तो वो 

कोमल एहसास है।


जो किसी को भी 

नसीब से मिलता है 

फिर क्यों नहीं कह 

देती तुम इस जहाँ को 

कि तुम प्यार में हो।

 

शायद तुम डरती हो 

अपने आप से की 

कहीं कोई तुमसे 

तुम्हीं को ना छीन ले

प्यार से तुम्हें अपनाकर।


तुम्हारे दर्द कि सारी 

गिरह ना खोल दे है ना ?


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