आंतरिक शक्ति
आंतरिक शक्ति
सीख लेते कहाँ, कब, क्या गलत कर आये हम
भूलों का अपनी गंभीर आकलन करते जब हम,
महसूस करते गहराई में, अपनी जड़ों को हम
घर से बहुत दूर निकल जाते हैं जब हम.
दिखने लगते ख्वाब चमकदार, स्पष्ट
बंद कर लेते हम अपनी आँखें जब,
रोशनी की किरण झलक जाती झट
अन्धतमस से घिरे होते हम जब.
उठ जाते जुड़े हाथ प्रार्थना में अनायास ही
राह जीवन की धुंधली नज़र आ रही होती जब,
रहस्य उजागर हो जाता सच्चे प्रेम के अर्थ का
क्लेश औ शोक की कालिमा निगल रही होती हमें जब.
निढाल हो जाते जब हम अंतहीन दौड़ से,
गंतव्य से कोसों दूर, आशाहीन भारी ह्रदय लिए
पहचान पाते हम अपने अंतस की असीम ऊर्जा को
दुनिया का हर शख्स तैयार करने को वार हाथों में तीर लिए
नित प्रयासरत रहना है हमें और देना है अपना शत-प्रतिशत
परख रहा होता है यह जहान हर पल हमें
अपनी मंजिल और खुद की तलाश में ईश ही होगा सहायक
देख रहा स्नेह भरी नज़रों से वह हर पल हमें.