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Dharitri Mallick

Romance

3  

Dharitri Mallick

Romance

मेरे दिल की बात

मेरे दिल की बात

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मेरे दिल की बात

काश तुम सुनलेते !

मेरी धड़कन की आवाज़

काश तुम महसूस करते !


मेरे एहसास जो थे तुमसे

एक तुम्हीं थे जो छुआ 

मेरे दिल के धड़कन को

कैसे मान लुँ मैं कि 

कुछ नहीं समझे तुम हमें।


ग़र समझ न पाते ?

तो क्यों मुझसे पहले ?

तुम समझते थे मेरे अनकही बातें

इतना वक्त बिताया ही क्यूँ 

मेरे संग मेरे प्यारे दोस्त ?


काश मेरे प्यार को

भी तुम अपनाते

यूँ न जाने देते हमें

आपके जिंदगी से।


अब पुकारते हो मुझे पीछे से

तो क्या वज़ह है

जो मैं रुक जाऊं ?


वो वक्त तुमने जो छीना हमसे

अब न आएगा फ़िर से

तुम लौट जाओ अपने जिंदगी में

मुझे आदत सी हो गई

अब तेरे बगैर जीने की।


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