मेरे शिव बाबा भोलेनाथ
मेरे शिव बाबा भोलेनाथ
भले ही छूट जाएं इस दुनिया की सबके हाथ
मगर न छूटे कभी एक पल भोले बाबा तेरा हाथ
एक तू ही है इस बेरहमी, धोखेबाज दुनिया में
जिसे में आंख कान बंद करके विश्वास करती हूं
अब तक साथ निभाया है तूने शिव बाबा
आगे भी साथ साथ चलना मेरे संग प्रभु
इतना कृपा बनाए रखना मेरे ऊपर
चाहे सब खड़े हो जाएं मेरे खिलाफ
बस तू कभी नाराज़ न होना एक पल
गर तू ही रूठ जाओगे तो भला मनाऊं में किसको ?
तू ही परम पिता मेरे तू ही मेरे माता,
तू ही मित्र हो और गुरु भी तुम ही हो
तेरे संग तो नाता है कई कई जन्मो से
जो मुझे भी न है कोई स्मरण
हर सांस तेरे मेहरबानी से चले
और बंद भी होए तेरे करीब जाने से
क्या कहूं ? क्या प्रार्थना करूँ मैं तुमसे ?
जो दिया बहुत दिया और जो भी लिया
वो सब मेरा ही कोई कर्मा था किसी जन्म का
अब क्या तुझ से मैं शिकवा करूं ?
जब आरंभ भी तू और शेष भी तू
बीच में तुझे मैं पुकारूं रो रो के
कहां खो गए इस बीच राह में
भक्ति करूँ, इबादत करूं, प्रार्थना करूं,
प्रेम प्रीत से भी पुकारूँ, जो भी करूं
सब तेरा ही है, तुझमें मैं मिल जाऊं
फ़िर भी एक बार तो दीदार हो जाओ भगवान
मेरे शिव बाबा मुझे इन आंखों से भी
जी भर के देख लेने दो आपको
ॐ नमः शिवाय जपते जपते
प्राण मेरे छूट जाए मगर
आप कभी न छूट जाओ हमसे
यही आशीर्वाद ही आप दे दीजिए वरदान में
इस महा शिवरात्रि पर्व को
कर दो ऐसा कुछ चमत्कार
तेरे नाम से शुरू हो, तेरे नाम पे चले ये जीवन
तेरे नाम पे ही हो सांस बंद और
जीवन लीला हो सब ख़त्म...