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Deepmala Pandey

Inspirational

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Deepmala Pandey

Inspirational

माँ तुझे सलाम

माँ तुझे सलाम

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माँ मेरी माँ कहती बार-बार

और वह सुनकर मुस्काती हर बार

वह बचपन की यादें

वह शरारतें आज भी सताते हैं मुझे

पर तुम क्यों नहीं आती माँ ???

कहानियां सुनाती मुझ को समझाती

जीवन का सही आईना दिखाती

जब भी घिर जाती परेशानियों में

तुमसे मिली हिम्मत

तुम्हारी दुआएँ मुझे निकाल ले जाती


अब तो पुकार पुकार कर थक जाती हूं

पर फिर भी तुम नजर नहीं आती

संघर्षों से हमको पाला

हर मुसीबत को टाला

बिन खाए पहले मुझे खिलाती थी

अपना दुख अपनी तकलीफ़

कभी नहीं बताती थी


पूछती थी अगर कुछ मैं तो

हँस कर टाल जाती थी

मेरी हर ज़िद मेरी ख़ुशियों को

तुम पूरा कर जाती थी

एक तुम ही तो थी

जो कभी नहीं रूठा करती थी


आज हर पल तुम याद आती हो

खुद माँ बनी तब पहचाना

तुम्हारी डांट में छुपी सीख हो जाना

तुम में तो सर्वस्व ब्रह्मांड समाया है

इसे कोई ना समझ पाया है

मन करता है माँ

तुम कहीं से आ जाओ

कान पकड़कर फिर समझाओ


आज बेचैन हूँ आँखों में नींद नहीं

सिर पर हाथ रख लोरियाँ,

कहानियां सुनाओ...

तुम जैसा चाहकर भी न बन सकी

आखरी वक़्त में साथ न रह सकी

तू प्यार पवित्रता ममता की मूरत है

तेरे चरणों में मेरा संसार है

माँ तुझे मेरा सलाम है...


 


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