होली आई है
होली आई है
नया सवेरा आया है प्यारा प्यारा
क्षितिज भी देखो है खिलखिलाता
शिकवा शिकायत छोड़ो बहनों भाई
आओ रंगों की तरह मन में लाते है
सहजता
होली मनाओ हिल मिल के,
होली आई है....
सप्तरंगों का यहां मेल बन जाये
अलभ्य आशा के दीपक जलाये
और कोई ना मन में मैल आ जाये
कर्म से तन मन को महकाते जाये
होली मनाओ हिल मिल के,
होली आई है ...
पुलकित हो गये तन-मन
सजा चेहरे पर रंगों का नूर है
छाई अधर-अ
धर मुस्कान
सब भूल गये उदासी के सुर है
होली मनाओ हिल मिल के,
होली आई है...
धरती भी खेले अम्बर भी खेले
राधा भी खेले मोहन भी खेले
चाँद सितारे छुप छुप कर देखे
होली की अगन में रात भी खेले
होली मनाओ हिल मिल के,
होली आई है....
होली उत्सव है रंगों का त्योहार
गुलाल फैले ऊँचे आसमान
छोटे बड़े सब हुड़दंग मचाये
ठंडाई कोई घोले मनभावन
होली मनाओ हिल मिल के,
होली आई है....