गीत लिखूं, ग़ज़ल लिखूं तुम ही बताओ अब क्या लिखूं ? गीत लिखूं, ग़ज़ल लिखूं तुम ही बताओ अब क्या लिखूं ?
यूँ कहने को तो लकड़ी कट रही है शजर की नस व हड्डी कट रही है! यूँ कहने को तो लकड़ी कट रही है शजर की नस व हड्डी कट रही है!
'आ बन जा फकीर फिर बेमोल हो जा फ़िज़ूल, आ कीमत अपनी कभी ज़रा गिरा के देख ।' छोटा होकर रहेने में ही जीव... 'आ बन जा फकीर फिर बेमोल हो जा फ़िज़ूल, आ कीमत अपनी कभी ज़रा गिरा के देख ।' छोटा ह...
कोई मीन जाल फंस गया रोए बहुत, क्या ये जग भया। कोई मीन जाल फंस गया रोए बहुत, क्या ये जग भया।
उसको तो नशा चढ़ा है बस पीर की फकीरी का। जानें क्यों उतार फेंका है उसने अपना चोला अमीरी। उसको तो नशा चढ़ा है बस पीर की फकीरी का। जानें क्यों उतार फेंका है उसने अपना चो...